महान सम्राट अशोक के नौ रहस्यमयी आदमी....                     



सम्राट अशोक के 9 रहस्यमयी सलाहकार : 9 रत्न रखने की परंपरा की शुरुआत सम्राट अशोक और उज्जैन सम्राट प्रथम राजा विक्रमादित्य से मानी जाती है। उनके ही अनुसार बाद के राजाओं ने भी इस परंपरा को निभाया। अकबर ने अपने दरबार में 9 रत्नों की नियुक्ति सम्राट अशोक के जीवन से प्रेरित होकर ही की थी।अकबर ने अशोक की लगभग सभी नीतियां अपनाई थीं जिसके चलते उन्हें महान घोषित किया जा सकता था। इतिहासकारों ने ऐसा किया भी। हालांकि अकबर ने किसी अन्य धर्म को अपनाने के बजाए खुद ही एक नया धर्म चलाने का प्रयास किया और वे उसके संस्थापक बन बैठे।कुछ लोग कहते हैं कि अशोक के साथ ऐसे 9 लोग थे, जो उनको निर्देश देते थे जिनके निर्देश और सहयोग के बल पर ही अशोक ने महान कार्यों को अंजाम दिया। ये 9 लोग कौन थे इसका रहस्य आज भी बरकरार है। क्या वे मनुष्य थे या देवता?

9 रत्नों की गुप्त पुस्तक : अब सवाल यह उठता है कि सम्राट अशोक के साथ वे कौन 9 लोग थे जिनके बारे में कहा जाता है कि उनमें से प्रत्येक के पास अपने-अपने ज्ञान की विशेषता थी अर्थात उनमें से प्रत्येक विशेष ज्ञान से युक्त था और अंत में सम्राट अशोक ने उनके ज्ञान को दुनिया से छुपाकर रखा।वे ही लोग थे जिन्होंने बड़े-बड़े स्तूप बनवाए और जिन्होंने विज्ञान और टेक्नोलॉजी में भी भारत को समृद्ध बनाया। कहा जाता है कि उनके ज्ञान को एक पुस्तक के रूप से संग्रहीत किया गया था। जिस पुस्तक को किसी विशेष व्यक्ति को सुपुर्द किया गया, उसने पीढ़ी-दर-पीढ़ी उस पुस्तक या उसके ज्ञान को आगे फैलाया। हालांकि यह रहस्य आज भी बरकरार है।

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