सुसाइड नोट लिखने के बाद युवा किसान चढ़ गया फांसी, आत्महत्या की वजह ने सबको रुलाया...

                              अनुज वाजपेयी (फाइल फोटो), सुसाइड नोट

परेशानी से भरी दांस्ता का पत्र (सुसाइड लेटर) मुख्यमंत्री को लिखकर 22 वर्षीय युवा किसान ने मां की साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड पत्र के मुताबिक बैंक कर्मी और साहूकार उसे और उसके पिता को परेशान कर रहे थे। इसीलिए उसने आत्महत्या कर ली। मामला यूपी के बांदा जिले का है।

बांदा शहर से मात्र छह किलोमीटर दूर कनवारा गांव निवासी अनुज वाजपेयी ने शुक्रवार की रात घर में कमरे की छत पर मां की साड़ी का फंदा बांधा और फांसी पर झूल गया। कुछ देर बाद मां गोमती देवी ने खिड़की से शव लटकता देखा। कुछ ही देर में एडीएम (न्यायिक) दिवाकर सिंह, एसडीएम सदर ए थमीम अंसरिया, अपर एसपी एलसीके पाल मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अनुज की पैंट की जेब में सुसाइड लेटर बरामद किया। मुख्यमंत्री को संबोधित इस पत्र में लिखा है कि उसके पिता प्रमोद  बैंक और साहूकारों के कर्जदार हैं। पिता का मानसिक संतुलन छह महीने से खराब चल रहा है। बैंक के कर्मचारी और गांव के साहूकार उसे और उसके पिता को बहुत परेशान करते थे। इसी वजह से वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया।

बहन की शादी में काफी कर्जा लेना पड़ा
                                                         सुसाइड नोट

पिछले दो सालों से खेतों में कुछ नहीं हुआ। बहन की शादी में काफी कर्जा लेना पड़ा। सुसाइड लेटर की अंतिम लाइन में लिखा है कि जिला प्रशासन को सूचना भी दी लेकिन प्रशासन ने कोई तवज्जो नहीं दिया। चचेरे भाई सुनील ने बताया कि करीब 3 साल पूर्व पिता ने इलाहाबाद  तुलसी ग्रामीण बैंक, कालूकुआं ब्रांच से 50 हजार रुपये कर्ज लिया था, जो बढ़कर 3 लाख रुपये हो गया। कर्ज न चुका पाने पर पिता का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। तब से घर की पूरी जिम्मेदारी अनुज पर थी। एक साल पहले उसने बहन पूजा की शादी में साहूकारों से एक लाख रुपये कर्ज लिया था। अनुज अविवाहित और तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। दो भाई बनारस में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

घटनास्थल का निरीक्षण करते अधिकारी

उधर, डीएम महेंद्र बहादुर सिंह द्वारा जारी विज्ञप्ति में प्रशासन और पुलिस अधिकारियों द्वारा मौके पर की गई जांच का हवाला देकर कहा गया है कि अनुज के पिता ने बैंक से जो 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था वह कर्जमाफी योजना में माफ कर दिया गया है। डीएम ने कर्जमाफी का प्रमाण पत्र भी दिखाया। यह भी कहा कि जांच में साहूकार से कर्ज लेने की पुष्टि नहीं हुई है। आर्थिक स्थिति सामान्य है। 1.362 कृषि भूमि है। इसलिए कर्ज आदि के कारण आत्महत्या किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। पोस्टमार्टम कराया गया है। अन्य तथ्यों की जांच पुलिस कर रही है। उधर, इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक कालू कुआं प्रबंधक हरीशंकर गुप्त ने कहा है कि किसानों से कोई वसूली नहीं की जा रही। न ही कोई नोटिस जारी किया गया है। प्रबंधक ने अनुज किसान के प्रति संवेदना जताई।

इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

Post a Comment